हाथरस : पुलिस पर उठे सवाल, पहले कहा रेप नहीं हुआ, अब कहा जबरन सेक्सुअल इंटरकोर्स की पुष्टि नहीं

हाथरस (Hathras news) एसपी (Hathras SP) ने कहा कि पीड़िता को अलीगढ़ (Aligarh news) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JN medical collage) में भर्ती कराया गया था। वहां की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर चोटों के निशान का उल्लेख किया गया है लेकिन जबरन सेक्सुअल इंटरकोर्स (forced sexual intercourse) की पुष्टि नहीं हुई है।

 

एसपी विक्रांत वीर 

 

हाथरस
हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पर एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं। घटना के बाद तक चुप्पी साधे हाथरस पुलिस ने पीड़िता की मौत के बाद कहा कि उसका रेप नहीं हुआ था। अब एसपी ने बयान दिया है कि रिपोर्ट में जबरन रेप किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा है कि वे लोग फरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। https://youtu.be/x2tFNviIJiA

हाथरस एसपी ने कहा कि पीड़िता को अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वहां की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर चोटों के निशान का उल्लेख किया गया है लेकिन जबरन सेक्सुअल इंटरकोर्स (forced sexual intercourse) की पुष्टि नहीं हुई है।

फरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार
एसपी विक्रांत वीर ने कहा कि वो लोग अब फरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। अब तक डॉक्टरों का कहना है कि वे बलात्कार की पुष्टि नहीं कर सकते हैं। जब उन्हें एफएसएल रिपोर्ट मिलेगी, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

 'लड़की के बयान के आधार पर लगाईं रेप की धाराएं'
एसपी ने कहा कि हाथरस कांड में मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं की गई है, इसका सीधा फायदा आरोपियों होगा। गैंगरेप की धारा लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने बढ़ाई हैं। मौत की वजह गले की हड्डी टूटने से मेडिकल में रिपोर्ट में बताई जा रही है।

 

एसआईटी कर रही जांच
एसपी ने बताया कि एसआईटी (विशेष जांच दल) कल (बुधवार) को आई थी। उन्होंने गांव का दौरा किया था और पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण भी किया था। टीम अभी भी गांव में है, परिवार से मिल रही है और आगे की जांच कर रही है।

 

15 दिनों तक गैंगरेप पर क्यों रही पुलिस की चुप्पी?
14 सितंबर को पीडिता की मां और छोटा भाई खेत गए थे। भाई चारा लेकर वापस आ गया। मां और बहन खेतों में और चारा काट रही थीं। मां और बेटी में कुछ मीटर का ही फासला था। पहले से ताक में बैठे आरोपियों ने बच्ची के गले में पड़े दुपट्टे को खींचा जिससे उसके गले से आवाज तक नहीं निकल पाई। उसके साथ रेप किया और फेंककर चले गए। तब से मीडिया में लगातार गैंगरेप की खबरें छपती रहीं लेकिन पुलिस ने इसका खंडन नहीं किया। 
 

 

मौत के बाद बोले रेप नहीं, और अब...
घटना के नौ दिनों के बाद पीड़िता को अस्पताल में होश आया। 15 दिनों के बाद उसकी मौत हो गई। मौत के बाद सियासत तेज हुई तो पुलिस ने कहा कि लड़की के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर विवाद बढ़ा। अब एसपी कह रहे हैं कि लड़की के साथ जबरन रेप की पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल वे लोग फरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

 

  

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